बिहार में 2 अक्टूबर से 3000 किमी की पदयात्रा शुरू करेंगे प्रशांत किशोर, लोगों की समस्याओं से होंगे रूबरू

Edited By Ramanjot, Updated: 05 May, 2022 02:43 PM

prashant kishor will start a 3000 km padyatra in bihar from october 2

प्रशांत किशोर ने सोमवार को जन सुराज के जरिए नई राजनीतिक पार्टी बनाने का संकेत देने के बाद गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए बताया कि फिलहाल वह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं। वह इस वर्ष 02 अक्टूबर से पूर्वी...

पटनाः चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में ‘जन सुराज' की संकल्पना के साथ जनता से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्या, इच्छा और आकांक्षाओं को समझ एक ठोस राजनीतिक निर्णय तक पहुंचने के उद्देश्य से इस वर्ष 02 अक्टूबर से प्रदेश में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करेंगे।

"कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाने जा रहे"
प्रशांत किशोर ने सोमवार को जन सुराज के जरिए नई राजनीतिक पार्टी बनाने का संकेत देने के बाद गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए बताया कि फिलहाल वह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं। वह इस वर्ष 02 अक्टूबर से पूर्वी चंपारण के गांधी आश्रम से प्रदेश में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करेंगे। इस दौरान वह जन सुराज की संकल्पना को लेकर गांव-गांव जाएंगे और एक-एक व्यक्ति से मिलकर उनकी समस्या, इच्छा, आशा और आकांक्षा को समझने का प्रयास करेंगे। इसके बाद वह और उनके साथ खड़े लगभग 18 हजार लोग मिलकर तय करेंगे कि जन सुराज को राजनीतिक पार्टी का रूप दिया जाए या नहीं।

"बिहार विकास के सभी पैमाने पर पीछे रहा है"
चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि बिहार में पिछले तीस वर्ष में दो बड़े नेताओं की सरकार के शासन के दौरान बिहार विकास के सभी पैमाने पर पीछे रहा है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति आयोग की रिपोर्ट पर की गई टिप्पणी कि ‘अरे उन्हें कुछ पता भी है' को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘सच में किसी को पता नहीं है लेकिन प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, रोजगार का सृजन नहीं हो सका और यहां के लोग दूसरे राज्यों में पलायन कर विषम परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं। ऐसे में पदयात्रा के दौरान वह अधिक से अधिक लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास करेंगे।'' उन्होंने कहा कि जबतक लोगों तक व्यक्तिगत रूप से पहुंचा न जाए तबतक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा।

प्रशांत किशोर ने वर्ष 2020 में ‘बात बिहार की' कि घोषणा कर फिर उसे न शुरू करने के निर्णय को लेकर उनकी विश्वसनीयता के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने पहले जो आश्वासन दिया था उसको लेकर आज भी अडिग हैं। उन्होंने फरवरी 2020 में बात बिहार की घोषणा की थी लेकिन कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए मार्च से लॉकडाउन शुरू होने की कारण इसकी शुरुआत नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उन्हें जो कुछ भी दिया है वह बिहार के लिए समर्पित कर रहे हैं और अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।

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