बिहार : ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन और उग्र हुआ, 12 जिलों में इंटरनेट बंद

Edited By PTI News Agency, Updated: 17 Jun, 2022 11:25 PM

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पटना, 17 जून (भाषा) बिहार में ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ गत तीन दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शन ने शुक्रवार को और भी उग्र रूप धारण कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को ट्रेन के दर्जनों डिब्बों, इंजनों और स्टेशनों, भाजपा कार्यालयों, वाहनों और...

पटना, 17 जून (भाषा) बिहार में ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ गत तीन दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शन ने शुक्रवार को और भी उग्र रूप धारण कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को ट्रेन के दर्जनों डिब्बों, इंजनों और स्टेशनों, भाजपा कार्यालयों, वाहनों और अन्य संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया जिसके बाद पुलिस को 12 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद करना पड़ा।

केंद्र के साथ-साथ बिहार में भी सत्तासीन भाजपा के नेता लगातार तीसरे दिन भी प्रदर्शनकारियों के निशाने पर रहे।

प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के घरों पर हमले किए तथा पार्टी विधायक विनय बिहारी की कार को मोतिहारी में क्षतिग्रस्त कर दिया।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) संजय सिंह के मुताबिक सशस्त्र बलों में भर्ती की नई योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर गिरफ्तारी जो पिछले दिन 125 थी, अब बढ़कर 320 तक पहुंच गई है।

उन्ऊोंने बताया कि इन घटनाओं के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की संख्या अब 60 हो गई है जो पिछले दिन के आंकड़े से ढाई गुना है।

सिंह ने कहा, ‘‘एहतियात के तौर पर हमने राज्य के 38 में से 12 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं जिनकी पहचान सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों के रूप में की गई है’’।

वैशाली जिला के हाजीपुर स्थित पूर्व मध्य रेलवे(ईसीआर) मुख्यालय ने कहा कि भीड़ द्वारा 10 इंजन के अलावा 60 से अधिक ट्रेन के डिब्बों को आग लगा दी गई।

जले हुए डिब्बों में व्यावहारिक रूप से आनंद विहार टर्मिनस से आने वाली और भागलपुर जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस की पूरी रेक शामिल है, जिसमें आगजनी लखीसराय स्टेशन पर की गयी।

रेलवे सूत्रों और लखीसराय प्रशासन ने दावा किया कि सभी यात्री उतर गए थे और किसी को भी चोट नहीं आई थी। हालांकि, अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि यात्रियों में से एक को गहरा मानसिक आघात पहुंचा था और ट्रेन उतरने के तुरंत बाद उसकी मृत्यु हो गई।

ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि धरना-प्रदर्शन के कारण 214 एक्सप्रेस, मेल और सवारी ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और अन्य 78 ट्रेनों को निर्धारित गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया।
उन्होंने विभिन्न स्टेशनों पर फंसे यात्रियों की तस्वीरें साझा की जहां रेलवे कर्मियों द्वारा ट्रेनों का इंतजार कर यात्रियों को जलपान कराया गया है।

वीरेंद्र ने कहा कि शाम करीब पांच बजे सामान्य स्थिति बहाल कर दी गई।

उन्होंने राज्य भर में रेलवे संपत्ति को भारी नुकसान का भी उल्लेख किया जिसमें पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया का एक स्टेशन भी शामिल है, जहां रेणु देवी और संजय जायसवाल के घर स्थित हैं।
उपमुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश प्रमुख ने अपने शहर में गड़बड़ी को एक ‘‘साजिश’’ बताते हुए इसमें ‘‘विपक्ष द्वारा प्रायोजित गुंडों’’ के शामिल होने का आरोप लगाया है।

प्रदर्शनकारियों ने मधेपुरा और सासाराम में भाजपा के दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया।

भाजपा कार्यालयों और नेताओं पर यह हमला पार्टी की विधायक अरुणा देवी के नवादा में पथराव की घटना में घायल होने के एक दिन बाद हुआ है जहां उग्र भीड़ ने पार्टी कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इस आशय का एक वीडियो संदेश शुक्रवार को जारी करते हुए कहा, ‘‘केंद्र द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा से बिहार और देश के अन्य हिस्सों के युवाओं में आक्रोश पैदा हो गया है। इसलिए केंद्र को योजना पर अविलंब पुनर्विचार करने के बारे में सोचना चाहिए। यदि यह संभव नहीं है तो युवाओं को आश्वस्त करना चाहिए कि इस योजना से उनके भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।’’
मुख्यमंत्री के घोर विरोधी चिराग पासवान ने भी कहा, ‘‘मैंने कल रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर नई योजना की समीक्षा की मांग की थी। कल मैं राज्यपाल से मिलूंगा और एक ज्ञापन सौंपकर योजना को तत्काल वापस लेने की मांग करूंगा।’’
इस बीच, बिहार में विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रही राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सेना में भर्ती के इच्छुक युवा उम्मीदवारों द्वारा शनिवार को बुलाए गए ‘बिहार बंद’ को अपना समर्थन देने की घोषणा की है।

राजद की पुरानी सहयोगी कांग्रेस ने भी एक बयान जारी कर बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा की।

भाकपा माले के विधायक और पार्टी की छात्र इकाई आइसा के राष्ट्रीय महासचिव संदीप सौरव ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने रोजगार का वादा किया था, लेकिन ‘अग्निपथ’ योजना रोजगार के बारे में कम और कम उम्र में सेवानिवृत्ति के बारे में अधिक है।

उन्होंने चेतावनी दी कि विरोध की भयावहता मोदी के सत्ता में आने के बाद से हुए सभी आंदोलनों को पार कर जाएगी।



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