शिवानंद ने सुशील मोदी को बताया "नमूना", पूछा- लालू पर आरोप लगने के 14 वर्ष तक क्यों सोयी रही CBI

Edited By Ramanjot, Updated: 24 May, 2022 12:59 PM

shivanand told sushil modi a sample

शिवानंद तिवारी ने सोमवार को कहा, ‘‘बिहार की राजनीति में एक नमूना हैं सुशील कुमार मोदी। अभी-अभी अतीत में उन्होंने गोता लगाया और खोज निकाला कि वर्ष 2008 में हमने लालू प्रसाद यादव पर जमीन वाला आरोप लगाया था। सवाल तो यह था कि जब 2008 में आरोप लगा तो...

पटनाः राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को बिहार की राजनीति में नमूना बताया और पूछा कि वे बताएं कि पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार के सदस्यों पर रेलवे भर्ती में घोटाला करने का आरोप लगने के चौदह वर्ष तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) क्यों सोया रहा।

शिवानंद तिवारी ने सोमवार को कहा, ‘‘बिहार की राजनीति में एक नमूना हैं सुशील कुमार मोदी। अभी-अभी अतीत में उन्होंने गोता लगाया और खोज निकाला कि वर्ष 2008 में हमने लालू प्रसाद यादव पर जमीन वाला आरोप लगाया था। सवाल तो यह था कि जब 2008 में आरोप लगा तो उसके बाद से अब तक यानी 14 वर्षों तक सीबीआई उन आरोपों पर क्यों सोई रही। उसकी नींद तब क्यों खुली जब बिहार में मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच जाति आधारित जनगणना कराने की सहमति बनी है और छापेमारी के लिए यह समय क्यों चुना गया।''

राजद नेता ने कहा कि इसके दो स्पष्ट मकसद दिखाई दे रहे हैं। पहला उद्देश्य तो जाति आधारित जनगणना को रोकना है क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जातिगत जनगणना का घोर विरोधी है। वह उन्हीं तबकों का समर्थक है जो देश के संसाधनों पर अपनी संख्या के अनुपात से कहीं ज्यादा संसाधनों पर कब्जा जमाए बैठा है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से इसका खुलासा हो जाएगा और वंचित समाज अपनी संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी की मांग करने लगेगा।

तिवारी ने कहा कि दूसरी ओर जातीय जनगणना के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के बीच नजदीकी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। भाजपा इससे सशंकित है। भाजपा को वर्ष 2015 को बिहार विधानसभा चुनाव का नतीजा अच्छी तरह याद है। उन्होंने कहा कि अनुमान लगाया जा रहा है कि छापामारी द्वारा कहीं परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चेतावनी देने की कोशिश तो नहीं की जा रही है। राजद नेता ने कहा, ‘‘सवाल यही था, जिसका जवाब सुशील मोदी ने नहीं दिया है। हम लोग उनसे जानना चाहेंगे कि वर्ष 2008 में लगाए गए आरोपों पर अब तक सोने वाली सीबीआई चौदह बरस बाद अचानक कैसे और क्यों सक्रिय हो गई। इसका मकसद राजनीति के अलावा और क्या हो सकता है सुशील जी। इस सवाल पर कृपया हमारा ज्ञानवर्धन करें।''

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