Edited By Ramanjot, Updated: 01 May, 2022 01:14 PM
तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, "लाउडस्पीकर को मुद्दा बनाने वालों से पूछता हूं कि लाउडस्पीकर की खोज 1925 में हुई तथा भारत के मंदिरो/मस्जिदों में इसका उपयोग 70 के दशक के आसपास शुरू हुआ। जब लाउडस्पीकर नहीं था तो भगवान और खुदा नहीं थे...
पटनाः यूपी के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के मामले ने बिहार का सियासी पारा बढ़ा दिया है। बिहार में भी अब इस मुद्दे पर राजनीति होने लगी है। इसी कड़ी में अब राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म और ईश्वर कहीं किसी लाउडस्पीकर के मोहताज नहीं है।
तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, "लाउडस्पीकर को मुद्दा बनाने वालों से पूछता हूं कि लाउडस्पीकर की खोज 1925 में हुई तथा भारत के मंदिरो/मस्जिदों में इसका उपयोग 70 के दशक के आसपास शुरू हुआ। जब लाउडस्पीकर नहीं था तो भगवान और खुदा नहीं थे क्या? बिना लाउडस्पीकर प्रार्थना, जागृति, भजन, भक्ति व साधना नहीं होती थी क्या?
राजद नेता ने आगे लिखा कि असल में जो लोग धर्म और कर्म के मर्म को नहीं समझते है वही बेवजह के मुद्दों को धार्मिक रंग देते है। आत्म जागरूक व्यक्ति कभी भी इन मुद्दों को तुल नहीं देगा। भगवान सदैव हमारे अंग-संग है। वह क्षण-क्षण और कण-कण में व्याप्त है। कोई भी धर्म और ईश्वर कहीं किसी लाउडस्पीकर के मोहताज नहीं है।