Edited By Khushi, Updated: 24 Nov, 2024 11:14 AM
झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन के शानदार प्रदर्शन के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के बावजूद हेमंत सोरेन सरकार के 4 प्रमुख मंत्रियों को बीते शनिवार को विधानसभा चुनाव के परिणाम में करारी हार का सामना करना...
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन के शानदार प्रदर्शन के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के बावजूद हेमंत सोरेन सरकार के 4 प्रमुख मंत्रियों को बीते शनिवार को विधानसभा चुनाव के परिणाम में करारी हार का सामना करना पड़ा।
विधानसभा चुनाव में जो मंत्री हारे हैं उनमें कई विवाद खड़े करने वाले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और जल संसाधन मंत्री मिथिलेश ठाकुर शामिल हैं। अन्य दो मंत्रियों में शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम और समाज कल्याण मंत्री बेबी देवी शामिल हैं। देवी के विभाग ने लोकलुभावन ‘मंईयां सम्मान योजना' शुरू की थी जिसने राज्य में झामुमो नीत गठबंधन की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस योजना के तहत 18-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है और झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने इसे बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने का वादा किया है। वर्तमान में इस योजना से झारखंड में लगभग 57 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा है।
कांग्रेस के बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम सीट से जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के सरयू राय से 7,863 मतों से हार गए। झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर को गढ़वा में भाजपा के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने 16,753 मतों से हराया। लातेहार से चुनाव लड़ रहे झामुमो के बैद्यनाथ राम भाजपा के प्रकाश राम से 434 मतों के मामूली अंतर से हार गए। डुमरी सीट पर झामुमो की बेबी देवी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के जयराम कुमार महतो से 10,945 मतों के अंतर से हार गईं। देवी को अप्रैल 2023 में कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण उनके पति जगरनाथ महतो के निधन के बाद मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। झारखंड में झामुमो नीत गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 56 सीट के साथ शानदार जीत दर्ज करते हुए सत्ता अपने पास बरकरार रखी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को महज 24 सीट से संतोष करना पड़ा। राज्य विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीट की जरूरत होती है। भाजपा ने 21 सीट जीतीं और राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।