Edited By Khushi, Updated: 02 Sep, 2024 04:30 PM
झारखंड में आबकारी कांस्टेबल की भर्ती के लिए जारी शारीरिक परीक्षा के दौरान अब तक कुल 11 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस मामले में राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि उत्पाद सिपाही की बहाली की दौड़ में जिनकी भी मौत हुई है वह बहुत...
रांची: झारखंड में आबकारी कांस्टेबल की भर्ती के लिए जारी शारीरिक परीक्षा के दौरान अब तक कुल 11 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस मामले में राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि उत्पाद सिपाही की बहाली की दौड़ में जिनकी भी मौत हुई है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत ने मुझे कहा कि इसको आप देखिए और जानने का प्रयास कीजिए कि ये क्यों हो रहा है। डीजीपी ने कहा कि हम लोगों ने सभी मामलों में यूडी केस दर्ज किया है और पोस्टमार्टम करा रहे हैं। हम जानने का प्रयास कर रहे है कि यह मौत किसी व्यक्ति की बीमारी के चलते हुई है, व्यवस्था में कमी के चलते हुआ है या अभ्यर्थियों ने ऐसा कुछ सेवन कर लिया है जिसके चलते ये सब हुआ है।
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आगे कहा कि बहाली की व्यवस्था बहुत अच्छी है। मैं आप लोगों को निमंत्रित करता हूं कि आप खुद सेंटर पर जाइए और देखिए कि सब जगह पानी की व्यवस्था है, शौचालय की व्यवस्था है, डॉक्टर की व्यवस्था है, नर्स की व्यवस्था है, ओआरएस की व्यवस्था है, मेडिसिन की व्यवस्था है। इसके अलावा हमारा प्रयास रहता है कि दौड़ 6 बजे से पहले शुरू हो जाए और 10 बजे तक खत्म हो जाए।
बता दें कि उत्पाद सिपाही की शारीरिक दक्षता परीक्षा में अब तक 11 युवकों की मौत हो चुकी है। गिरिडीह के पिंटू कुमार रजक की मौत हो चुकी है। वह जादूगोड़ा स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दक्षता परीक्षा के तहत हुई दौड़ में शामिल हुआ था। इसके अलावा गया के अमरेश कुमार, लखीसराय के सर्वेश यादव, ओरमांझी के अजय कुमार महतो, गोड्डा के प्रदीप कुमार, गया के अभिषेक कुमार, धनबाद के सुमित कुमार, रामगढ़ के महेश मेहता और गिरिडीह के सूरज वर्मा का नाम शामिल है। मरने वालों में एक अन्य युवक हजारीबाग स्थित पद्मा के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित दौड़ में हिस्सा ले रहा था। वहीं, मृतकों के परिजन मामले में सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि जिन सेंटरों में शारीरिक दक्षता परीक्षा ली जा रही है वहां चिकित्सा सुविधा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। कड़ी धूप में घंटों युवकों को दौड़ाया जा रहा है।