Edited By Swati Sharma, Updated: 21 Jul, 2024 05:26 PM
संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में कई मुद्दे उठे। बैठक में कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा तो वहीं, सरकार के सहयोगी दल जदयू ने भी विशेष दर्जे का मुद्दा उठाया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली/पटना: संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में कई मुद्दे उठे। बैठक में कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा तो वहीं, सरकार के सहयोगी दल जदयू ने भी विशेष दर्जे का मुद्दा उठाया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
'शुरूआत से यह हमारी पार्टी की मांग'
वहीं, बैठक के बाद JDU नेता संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, शुरुआत से यह हमारी पार्टी(JDU) की मांग रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मांग को लेकर बड़ी-बड़ी रैली है। अगर सरकार को लगता है कि ऐसा करने में कोई समस्या है तो हमने बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग रखी है। हमने बिहार में बाढ़ की समस्या को भी रखा... इसका कारण नेपाल का पानी है जिस पर भारत सरकार ही बात कर सकती है... यही दो मुख्य मुद्दे हमने उठाए हैं।
बता दें कि संसद का यह सत्र कैसा होगा, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए हर पार्टी से सहयोग मांगा तो कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बैठक में कहा कि विपक्ष को संसद में मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भोजनालयों को कांवड़ मार्ग के मालिकों के नाम दिखाने के विवादास्पद निर्देश का मुद्दा उठाया। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने इसका संचालन किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) और वाईएसआर कांग्रेस ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की लेकिन 'अजीब' बात यह रही कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) इस मामले पर चुप रही।