Edited By Swati Sharma, Updated: 21 Aug, 2024 12:07 PM
केंद्र सरकार द्वारा यूपीएससी में लेटरल एंट्री का फैसला वापस ले लिया गया है। वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने सरकार द्वारा लेटरल एंट्री का फैसला वापस लेने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये फैसला आज का नहीं है। ये...
पटना: केंद्र सरकार द्वारा यूपीएससी में लेटरल एंट्री का फैसला वापस ले लिया गया है। वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने सरकार द्वारा लेटरल एंट्री का फैसला वापस लेने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये फैसला आज का नहीं है। ये कांग्रेस पार्टी का पाप था। कांग्रेस ने इसी तरह 1976 में वित्त सचिव बनाया था। मनमोहन सिंह कोई IAS नहीं थे। श्रीमती इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के समय में ऐसे कई लोग आए, लेकिन मैं PM मोदी का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई की।
"PM मोदी की सरकार ने सभी का सम्मान..."
सम्राट चौधरी ने कहा कि कांग्रेस जब सरकार में थी तब उन लोगों ने इस पूरे फार्मूले को अपनाया लेकिन PM मोदी की सरकार ने सभी का सम्मान करते हुए इसको रोकने का काम किया। भारत बंद के सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि कुछ लोगों ने बिहार बंद और देश बंद करने का आह्वान किया है। जब भारत सरकार ने तय कर दिया नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने तय कर दिया कि एसटी-एससी के किसी मामले को सरकार छूने का काम नहीं करेगी तो बंदी क्यों है, यह मैं जानना चाहता हूं?
बता दें कि दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक सूची जारी की है।