सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2025: बिहार में पहली बार होने जा रहा ऐतिहासिक आयोजन, 'भीम' बना शुभंकर

Edited By Ramanjot, Updated: 18 Mar, 2025 07:31 PM

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बिहार पहली बार सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। 20 से 25 मार्च के बीच पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पटना में होने वाले इस भव्य आयोजन में 20 अंतरराष्ट्रीय टीमें भाग लेंगी।

पटना: बिहार पहली बार सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। 20 से 25 मार्च के बीच पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पटना में होने वाले इस भव्य आयोजन में 20 अंतरराष्ट्रीय टीमें भाग लेंगी। यह टूर्नामेंट न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में सेपकटकरॉ खेल को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला साबित होगा।

भारत की परंपरा और गर्व का प्रतीक बना 'भीम'

सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2025 के लिए शुभंकर 'भीम' को चुना गया है, जो बिहार के राज्य पशु 'गौर बाइसन' (भारतीय गौर) से प्रेरित है। यह शुभंकर शक्ति, संकल्प और गौरव का प्रतीक है। भीम का ऊर्जावान स्वरूप खेल की गति और ताकत को दर्शाता है, वहीं पारंपरिक परिधान बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है।

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सेपकटकरॉ: बिहार की खेल परंपरा से जुड़ा खेल

सेपकटकरॉ को फुट वॉलीबॉल या बुका बॉल के नाम से भी जाना जाता है। यह खेल मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, वियतनाम, कंबोडिया आदि में लोकप्रिय है। बिहार के ग्रामीण इलाकों में भी 'चौका-डाडी' नामक पारंपरिक खेल इससे मिलता-जुलता है।

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बिहार के खेल विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ साल पहले तक पटना की गलियों में भी यह खेल लोकप्रिय था। अब, सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी से बिहार में इस खेल को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।

बिहार का पहला सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप: ऐतिहासिक आयोजन की ओर कदम

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2025 का लोगो और शुभंकर का अनावरण किया। टूर्नामेंट का लोगो बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाता है:

  • सूर्य की किरणें – उज्ज्वल भविष्य और असीम ऊर्जा का प्रतीक।
  • नालंदा विश्वविद्यालय और मधुबनी कला – बिहार की समृद्ध बुद्धिजीवी परंपरा और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं।
  • सेपकटकरॉ बॉल – खेल की गति, संतुलन और रणनीति का प्रतीक।
  • गोलघर – बिहार की ऐतिहासिक विरासत और गौरव का प्रतिनिधित्व करता है।
  • इंटरनेशनल सेपकटकरॉ फेडरेशन (ISTAF) द्वारा संचालित इस टूर्नामेंट के आयोजन से बिहार को अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी।

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बिहार में खेल संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा

बिहार के उभरते सेपकटकरॉ खिलाड़ी बॉबी कुमार, जो इस समय थाईलैंड में भारतीय टीम के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं, इस टूर्नामेंट को राज्य में खेलों की उन्नति के लिए बड़ा अवसर मानते हैं। उनका मानना है कि बिहार में इस खेल के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ेगी और नई प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा।

खेल, परंपरा और जुनून का संगम

सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2025 महज एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि खेल, संस्कृति और बिहार के गौरव को एक नई पहचान देने वाला आयोजन होगा। बिहार की खेल नीति में इस इवेंट के जरिए नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं और राज्य को एक नई खेल क्रांति की दिशा में आगे बढ़ाने का काम करेगा।
 

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