तेजस्वी का आरोप- नीतीश कुमार की ‘नल जल योजना' अब बन चुकी है ‘नल धन योजना'

Edited By Ramanjot, Updated: 24 Sep, 2021 10:10 AM

bihar s nal jal yojana has now become nal dhan yojana tejashwi

राजद नेता तेजस्वी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया, ‘‘नीतीश कुमार जी की ‘हर घर नल जल'' योजना दरअसल निजी धनोपार्जन योजना बन गई है। इस योजना ने भ्रष्टाचार की सारी पराकाष्ठा पार कर दी है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद जी ने अपनी बहु, दामाद...

पटनाः बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘‘हर घर नल जल'' योजना निजी धनोपार्जन योजना बनकर रह गई है। 

भ्रष्टाचार की सारी पराकाष्ठा पार
राजद नेता तेजस्वी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया, ‘‘नीतीश कुमार जी की ‘हर घर नल जल' योजना दरअसल निजी धनोपार्जन योजना बन गई है। इस योजना ने भ्रष्टाचार की सारी पराकाष्ठा पार कर दी है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद जी ने अपनी बहु, दामाद और साले को कटिहार में ठेका दिया।'' उन्होंने कहा कि यह ‘‘नल जल योजना'' नहीं बल्कि ‘‘नल धन योजना'' बन गई है। तेजस्वी ने आरोप लगाया, ‘‘भले ही नल जल योजना में धरातल पर आजतक गरीबों को नल से जल नहीं मिला लेकिन सत्ताधारी दलों के मंत्री, विधायक एवं नेताओं के लिए यह ‘नल धन योजना' जरूर बन गई है। कागज पर नल खोलो और अपनी तिजोरी भरो। पानी टंकी का ढहना, पाइप, नल इत्यादि का उखड़ना प्रत्येक पंचायत एवं वार्ड की कहानी है।''

मुख्यमंत्री ने नहीं की कोई कार्रवाई 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की ओर से इस संदर्भ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फरवरी 2021 में पत्र भी लिखा गया था लेकिन हमेशा की भांति मुख्यमंत्री जी ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी की कटिहार जिला इकाई ने अगस्त 2020 में ही इस घोटाले का पर्दाफाश किया था और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर की संलिप्तता की जांच की मांग की थी।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘ठेका प्राप्त करने वाली दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल में उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदार शामिल हैं। इन दोनों कंपनियों को क्रमश: 48 करोड़ और 3.60 करोड़ रुपए का काम दिया गया है। कंपनियों के पंजीकृत पते पर कंपनी का कोई साइनबोर्ड नहीं है। सब हवा हवाई है।'' 

CM पर लगाया भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप 
तेजस्वी ने दावा किया कि ठेका देने से पहले इन कंपनियों को किसी भी तरह के सरकारी काम करने का कोई अनुभव नहीं था जबकि लोक निर्माण विभाग की नियमावली के अनुसार ऐसी किसी अनुभवहीन कंपनी को काम नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर ‘‘जीरो टॉलरेंस' की केवल बात करने और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में उनके कार्यकाल में हुए 70 से अधिक घोटाले इस बात को साबित करते हैं।

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