सरस्वती पूजा विशेष: ऐसी श्रद्धा..ऐसी भक्ति.. 29 सालों से मां की प्रतिमा को बनाकर आराधना करता है ये इंजीनियर

Edited By Swati Sharma, Updated: 26 Jan, 2023 12:29 PM

for 29 years this engineer worships by making the idol of maa saraswati

दरअसल, मयंक 29 वर्षों इसी तरह से हर साल मां सरस्वती की प्रतिमा को बनाते है और पूजा करते हैं। मयंक पेशे से इंजीनियर हैं। मां सरस्वती के प्रति उनकी ऐसी दीवानगी है कि वे बचपन से ही मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। इस बार भी मयंक ने मां...

पटना(अभिषेक कुमार सिंह): आज, 26 जनवरी को पूरे देश में गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी का त्योहार की धूम है। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। मां सरस्वती की पूजा बड़े श्रद्धा भाव से देश भर में श्रद्धालु कर रहे हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे युवक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप कहेंगे कि गज़ब की भक्ति। पटना अनीसाबाद के रहने वाले कुमार मयंक इनकी पूजा और भक्ति ऐसी है कि वे मूर्तिकार से मां की प्रतिमा खरीद कर नहीं लाते हैं, बल्कि स्वयं निर्माण करते हैं। इसके बाद मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं।

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29 सालों से मां की प्रतिमा बना रहा है मयंक
दरअसल, मयंक 29 वर्षों इसी तरह से हर साल मां सरस्वती की प्रतिमा को बनाते है और पूजा करते हैं। मयंक पेशे से इंजीनियर हैं। मां सरस्वती के प्रति उनकी ऐसी दीवानगी है कि वे बचपन से ही मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। इस बार भी मयंक ने मां सरस्वती की प्रतिमा तैयार की है। इस प्रतिमा को देखकर कोई नहीं कह सकता कि इसे किसी किसी पेशेवर कलाकार ने बनाया है। मयंक 5 साल की उम्र से ही सरस्वती मां की पूजा कर रहे हैं। वह जब छोटे थे तब छोटी मूर्ति बनाकर पूजा करते थे। इतना ही नहीं, जहां पर मां सरस्वती की पूजा होती है, साथ-साथ मां नव दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। 9 दिन तक यहां पूजा होती है। कलश स्थापना से लेकर दसवें दिन मां की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है। मयंक के लिए एक पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठती है किसकी करूं मैं पूजा तेरे इस जहां में..एक तू है जो मिट्टी से इंसान बनाती है और एक ये है जो मिट्टी से तुझे.....।

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बच्पन से मां की पूजा करने की श्रद्धा हुईः मयंक
वहीं पंजाब केसरी टीवी से बातचीत के दौरान मयंक बताते है कि जब छोटे थे तो अपने आप मां की पूजा करने की श्रद्धा हुई। किसी मूर्तिकार से उन्होंने मूर्ति बनाने कला नहीं सीखी बल्कि अंतरात्मा से मूर्ति बनाना सीख लिया। बसंत पंचमी और गुप्त नवरात्र, दोनों मयंक करते हैं। इस बार मयंक का 29 वां साल पूजा का है। वे आगे भी ऐसे ही पूजा करते रहेंगे। मयंक का कहना है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर पहले दूसरे प्रदेशों में काम करते थे लेकिन मां सरस्वती की पूजा के लिए छुट्टी लेकर घर आते थे। मां की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना करते थे, लेकिन इसमें उनको थोड़ी सी परेशानी होती थी।

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बता दें कि अब मयंक जॉब छोड़कर पटना में ही अपना बिजनेस करते हैं। मयंक लाखों रुपये खर्च कर सरस्वती पूजा करते हैं।

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