बिहार के लाल ने हासिल किया बड़ा मुकामः इस अनोखी कलाकृति से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

Edited By Swati Sharma, Updated: 09 Dec, 2022 01:56 PM

lal of bihar has achieved a big position

जानकारी के मुताबिक, इस बात की सूचना इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड टीम के द्वारा दी गई है। बताया जा रहा है कि कला एवं शिल्प महाविद्यालय में अध्ययनरत आखिरी वर्ष के छात्र अमरीश पुरी ने रक्षाबंधन के अवसर पर 25 स्क्वायर फीट में नेचुरल राखी तैयार की थी। उन्होंने...

पटनाः बिहार के कला एवं शिल्प महाविद्यालय के मूर्ति कला विभाग के छात्र अमरीश कुमार तिवारी ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज कर लिया गया है। दरअसल, अमरीश कुमार ने रक्षाबंधन के उपलक्ष में 25 स्क्वॉयर फीट में नेचुरल राखी तैयार की थी।

अमरीश ने नेचुरल राखी की थी तैयार
जानकारी के मुताबिक, इस बात की सूचना इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड टीम के द्वारा दी गई है। बताया जा रहा है कि कला एवं शिल्प महाविद्यालय में अध्ययनरत आखिरी वर्ष के छात्र अमरीश पुरी ने रक्षाबंधन के अवसर पर 25 स्क्वायर फीट में नेचुरल राखी तैयार की थी। उन्होंने अपनी इस कलाकृति को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए अप्लाई किया था। यह राखी देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक राखी रही। इसमें में नारियल रस्सी, कच्चा रक्षा सूत्र, चावल, गेहूं, बांस के डलिया का प्रयोग किया गया है। इसे वन पदाधिकारी द्वारा कैमूर जिले के जिला मुख्यालय भभुआ में एक पीपल के पौधे के साथ बांध दिया गया था।

नि:शुल्क कला का प्रशिक्षण देते है अमरीश
वहीं अमरीश की इस कलाकृति को अब 2 दिसंबर 2022 को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। अमरीश ने कहा कि उनकी अपनी एक खुद का संस्था कलाकृति मंच है। इसके माध्यम से वह आए दिन नि:शुल्क कला का प्रशिक्षण देते हैं। बता दें कि राखी पर लाल रंग की एक पर उजले रंग से महामृत्युंजय जाप का उल्लेख किया गया है।

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