Edited By Nitika, Updated: 21 Feb, 2023 11:06 AM

प्रतिबंधित क्षेत्र में भीड़ इकट्ठा करने और मार्ग अवरुद्ध करने के मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक भाई वीरेंद्र ने पटना व्यवहार न्यायालय की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया...
पटनाः प्रतिबंधित क्षेत्र में भीड़ इकट्ठा करने और मार्ग अवरुद्ध करने के मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक भाई वीरेंद्र ने पटना व्यवहार न्यायालय की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया, जहां बाद में उन्हें जमानत पर मुक्त कर दिया गया।
सांसदों एवं विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के प्रभारी न्यायाधीश सारिका बहालिया की अदालत में आत्मसमर्पण करने के साथ ही दोनों आरोपितों की ओर से सत्र अदालत से मिली अग्रिम जमानत की सुविधा के आलोक में जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की गई थी। विशेष न्यायालय ने दोनों आरोपितों को 10-10 हजार रुपयों के निजी मुचलके के साथ उसी राशि के दो जमानतदार का बंध पत्र दाखिल करने पर जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया। वहीं मामला वर्ष 2019 में कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
आरोप के अनुसार, आरोपितों ने सीएए और एनआरसी विधेयक के विरोध में बंद की घोषणा के दौरान डाकबंगला चौराहा के प्रतिबंधित क्षेत्र में मार्ग अवरुद्ध किया एवं लाउडस्पीकर का दुरुपयोग किया था। इस मामले की प्राथमिकी कोतवाली थाना कांड संख्या 1826/2019 के रूप में भारतीय दंड विधान की धारा 147, 149, 188, 341, 342, 504, 505 तथा लाउडस्पीकर एक्ट की धारा नौ के तहत दर्ज की गई थी। इस मामले में वरिष्ठ राजद नेता जगदानंद सिंह समेत 26 लोग आरोपित हैं।