Edited By Swati Sharma, Updated: 21 Aug, 2024 02:19 PM
केंद्र सरकार ने यूपीएससी लेटरल एंट्री पर यू टर्न ले लिया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यूपीएससी को पत्र लिखकर फैसला वापस लेने के लिए कहा है। वहीं, इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी...
पटनाः केंद्र सरकार ने यूपीएससी लेटरल एंट्री पर यू टर्न ले लिया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यूपीएससी को पत्र लिखकर फैसला वापस लेने के लिए कहा है। वहीं, इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इस तरह के एंट्री में शेड्यूल कास्ट का आरक्षण नहीं देखा गया था। आरक्षण वाली मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री ने आदेश दिया है कि उस विज्ञापन को रद्द किया जाए।
'पहले जवाहर लाल नेहरू अपने लोगों को डिप्टी सेक्रेटरी बनाते थे'
जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों की बात को समझते हुए ये निर्देश दिया है। इसके साथ ही विपक्ष पर हमला करते हुए मांझी ने कहा कि आज ही नहीं, बल्कि पहले भी जवाहर लाल नेहरू भी अपने लोगों को डिप्टी सेक्रेटरी बनाते थे। दूसरे लोग भी बनाते थे। ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन उन लोगों ने आरक्षण के संबंध में कोई बात नहीं की। हम धन्यवाद देते हैं नरेंद्र मोदी जी को कि लोगों ने कहा कि इसमें आरक्षण नहीं है तो उन्होंने उन बातों को समझते हुए उसे स्थगित करने का निर्देश दिया है।
इधर, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने लेटरल एंट्री के तहत शीर्ष नौकरशाही में बहाली के संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के विज्ञापन वापस लेने पर कहा कि प्रधानमंत्री (पीएम) नरेंद्र मोदी के रहते एससी-एसटी और ओबीसी के हितों की कोई अनदेखी नहीं कर सकता।