Edited By Ramanjot, Updated: 20 Sep, 2024 12:53 PM
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि उदेरास्थान बांध से सकरी और फल्गु नदियों में 53,945 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बरुआने जमींदारी बांध और सिरपतपुर बांध का कुछ हिस्सा देर रात क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी...
पटना/नालंदा: बिहार की फल्गु और सकरी नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई छोटे बांध टूट जाने के बाद गुरुवार को पटना के ग्रामीण इलाकों और नालंदा के निचले इलाके जलमग्न हो गए। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी राज्य झारखंड में भारी बारिश के बाद दोनों नदियां उफान पर थीं। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में पटना जिला का पंडारक और फतुहा प्रखंड तथा नालंदा में हिलसा प्रखंड शामिल हैं।
जमुआर और धुरी बिगहा गांवों के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि उदेरास्थान बांध से सकरी और फल्गु नदियों में 53,945 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बरुआने जमींदारी बांध और सिरपतपुर बांध का कुछ हिस्सा देर रात क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। बयान के मुताबिक, ‘‘इसी तरह नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में दो छोटे बांध क्षतिग्रस्त हो गए जिससे जमुआर और धुरी बिगहा गांवों के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।'' ये दोनों बांध बहुत ही जर्जर स्थिति में थे। बयान के अनुसार, बाढ़ के कारण उत्पन्न हालात की किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया, ‘‘क्षतिग्रस्त छोटे बांधों की तत्काल मरम्मत के लिए आवश्यक वस्तुएं पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। इसके अलावा तत्काल मरम्मत और बचाव उपायों के लिए डब्ल्यूआरडी के वरिष्ठ अधिकारियों की टीमें पहले से ही वहां मौजूद हैं।'' पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा बनाए गए छोटे बांधों के टूटने के कारण कुछ निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर गया है। उन्होंने बताया, ‘‘स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और संबंधित अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की। रेत की बोरियां और बांस जैसी बाढ़ नियंत्रण सामग्री को नावों पर टूटन स्थल पर ले जाया गया। मरम्मत का काम जारी है।''