Edited By Ramanjot, Updated: 12 Mar, 2025 04:53 PM

बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
पटना: बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी में सहयोग देना है, ताकि वे संसाधनों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़ें।
2339 अभ्यर्थियों ने किया आवेदन, कई को मिली आर्थिक सहायता
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इस योजना के तहत कुल 2339 आवेदन प्राप्त हुए हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 के लिए 39 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, जिनमें से 21 को पात्रतानुसार 1,00,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई।
इसके अलावा, 70वीं बीपीएससी परीक्षा के लिए 2078 आवेदन प्राप्त हुए, जिनके लिए पात्र अभ्यर्थियों को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं, यूपीएससी सीडीएसई/सीएपीएफ/एनडीए/एनए परीक्षाओं के लिए 32 अभ्यर्थियों को 50,000 रुपये, एसएससी सीजीएल परीक्षा के 163 अभ्यर्थियों को 30,000 रुपये, और आरबीआई ग्रेड बी व एसबीआई/आईबीपीएस परीक्षाओं के 27 आवेदकों को 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
आर्थिक सहायता से मिलेगी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता
बिहार सरकार मुख्य परीक्षा और आगे के चरणों की तैयारी के लिए 30,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। यह योजना अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को बिना किसी आर्थिक बाधा के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद करेगी और उन्हें प्रशासनिक सेवाओं में अपनी जगह बनाने का अवसर देगी।
जो अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट https://bcebconline.bihar.gov.in पर जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बिहार सरकार का पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग छात्रों के उज्ज्वल भविष्य और प्रशासनिक सेवाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह योजना प्रतिभाशाली युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी।