Edited By Swati Sharma, Updated: 14 Aug, 2024 05:58 PM
बिहार के बेगूसराय की रहने वाली 7 वर्षीय आफरीन परवीन के दिल में जन्मजात छेद था। यह बात उसके माता-पिता को एक साल पहले ही पता चली। दरअसल जैसे-जैसे आफरीन बड़ी हो रही थी, उसके दिल का छेद भी बड़ा हो रहा था। पैदा होने की शुरुआती कुछ सालों में तो इसका कोई...
पटना: बिहार के बेगूसराय की रहने वाली 7 वर्षीय आफरीन परवीन के दिल में जन्मजात छेद था। यह बात उसके माता-पिता को एक साल पहले ही पता चली। दरअसल जैसे-जैसे आफरीन बड़ी हो रही थी, उसके दिल का छेद भी बड़ा हो रहा था। पैदा होने की शुरुआती कुछ सालों में तो इसका कोई लक्षण नहीं देखने को मिला, लेकिन पिछले 1 साल से आफरीन को चलने, खेलने और सोने के समय सांस फूलने लगी, यहां तक कि वह बैठकर सोने लगी। यह देख माता पिता को गहन चिंता सताने लगी और वह घर के नजदीकी डॉक्टर के पास लेकर गए। जहां उन्होंने आफरीन का दिल का एक टेस्ट कराया, जिसमें छेद का पता चला।
बेगूसराय में दिल के छेद का इलाज नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें पटना के किसी बड़े अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी। आफरीन के माता-पिता एशियन सिटी अस्पताल पटना लेकर आए, जहां वह हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर आदित्य कुमार से मिले। डॉक्टर आदित्य ने बच्चों के हार्ट का एको किया और जिसमें पता चला कि बच्चों के दिल में 32 मिलीमीटर का छेद है। एशियन अस्पताल के हृदय सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉक्टर अमित चौधरी ने बताया कि बच्ची आफरीन जैसे-जैसे बड़ी हो रही थी, उसी प्रकार उसके दिल का आकार भी बढ़ रहा था और दिल में छेद के कारण उसके फेफड़ों पर जोर पड़ रहा था और उसे सांस फूलने की समस्या हो रही थी। डॉक्टर अमित ने बताया कि हमने बच्ची के दिल के पास से झिल्ली लेकर उसके दिल के छेद को बंद किया। सर्जरी को 5 दिन हो चुके हैं और अब बच्ची पूरी तरह ठीक होकर आज अपने घर जा रही है और कुछ ही दिनों में वह बाकी साधारण बच्चों की तरह खेल कूद सकेगी।
एशियन अस्पताल के अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर एनके पांडे ने कहा कि हमने बच्ची के माता-पिता से बात की गरीबी के कारण उन्हें बच्ची का इलाज प्राइवेट अस्पताल में कराने में समस्या थी तो हमने उनकी आर्थिक तंगी को ध्यान में रखते हुए उन्हें इलाज में रियायत दी ताकि बच्ची का इलाज संभव हो और उसकी जान बचाई जा सके।