Edited By Ramanjot, Updated: 10 Dec, 2025 05:40 PM

Bihar Politics: मंगलवार को पटना प्रमंडल के जिला अध्यक्षों, प्रधान महासचिवों, पूर्व विधायकों और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं और सुझावों को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने...
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राजद (RJD) के अंदर उथल-पुथल जारी है। ऐसे में अब पार्टी नेतृत्व द्वारा बागी नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। यह कदम लालू यादव (Lalu Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में उठाया जा रहा है, जिनके निर्देश पर अब बागी नेताओं के खिलाफ कार्यवाही तय मानी जा रही है।
समीक्षा बैठक में सामने आए मुद्दे
मंगलवार को पटना प्रमंडल के जिला अध्यक्षों, प्रधान महासचिवों, पूर्व विधायकों और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं और सुझावों को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने आवास का दरवाजा कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला रखना चाहिए, ताकि पार्टी के जमीनी मुद्दों पर चर्चा हो सके और कार्यकर्ता पार्टी के साथ जुड़ाव महसूस कर सकें।
सामाजिक समावेशन पर उठे सवाल
बैठक में यह भी कहा गया कि तेजस्वी यादव की ‘ए-टू-ज़ेड’ सामाजिक समावेशन की परिकल्पना जमीन पर पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई। खासतौर पर गरीब, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े मुद्दे पार्टी की प्राथमिकता से बाहर रहे, जिसके कारण पार्टी उन वर्गों के बीच अपनी पकड़ बनाने में नाकाम रही। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों की तुलना में राजद इन वर्गों के मुद्दों को लेकर प्रभावी नहीं रहा।
राजद में सुधार की आवश्यकता
राजद के अंदर इस समय संगठनात्मक सुधार और नेतृत्व के बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है। पार्टी के भीतर के आंतरिक कलह और बागी नेताओं की असंतोषजनक गतिविधियों के कारण पार्टी की एकता में कमी आई है, और आगामी चुनावों में सफलता की राह कठिन हो सकती है।