Chhath Puja 2025: नहाय-खाय से शुरू हुआ लोक आस्था का महापर्व, जानें खरना विधि, व्रत कथा, पूजा सामग्री और अर्घ्य मुहूर्त

Edited By Ramanjot, Updated: 25 Oct, 2025 06:15 PM

chhath puja samagri list

Chhath Puja 2025 का शुभारंभ आज 25 अक्टूबर (शनिवार) से नहाय-खाय के साथ हो गया है। सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना को समर्पित यह पर्व चार दिनों तक चलता है।

Chhath Puja 2025 का शुभारंभ आज 25 अक्टूबर (शनिवार) से नहाय-खाय के साथ हो गया है। सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना को समर्पित यह पर्व चार दिनों तक चलता है। इस दौरान व्रती महिलाएं कठोर नियमों और व्रतों का पालन करती हैं। आज से शुरू हुआ यह पर्व श्रद्धा, शुद्धता और आस्था का प्रतीक माना जाता है।

Chhath Puja 2025 Dates & Tithi (छठ पूजा 2025 की तिथियां और समय)

  • नहाय-खाय – 25 अक्टूबर (शनिवार)
  • खरना पूजन – 26 अक्टूबर (रविवार)
  • संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को अर्घ्य) – 27 अक्टूबर (सोमवार)
  • उषा अर्घ्य (उगते सूर्य को अर्घ्य) – 28 अक्टूबर (मंगलवार)

चार दिनों के इस पर्व में व्रती सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य देकर सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

खरना पूजन की विधि (Kharna Puja Vidhi)

खरना छठ पूजा का दूसरा और बेहद महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निराहार रहते हैं और शाम को सूर्यास्त के बाद छठी मैया को भोग लगाकर व्रत का पारण करते हैं।

  • सुबह घर की सफाई कर स्नान करें।
  • शाम को मिट्टी के नए चूल्हे और आम की लकड़ी से प्रसाद बनाएं।
  • गुड़, चावल, दूध की खीर, ठेकुआ और पूरी बनाकर माता को अर्पित करें।
  • प्रसाद का पहला भाग छठी मैया को अर्पित करने के बाद परिवार में बांटें।

छठ पूजा की मुख्य सामग्री (Chhath Puja Samagri List)

छठ पूजा में प्रयुक्त सामग्री पवित्रता और परंपरा का प्रतीक होती है। पूजा के दौरान इन वस्तुओं का प्रयोग अवश्य किया जाता है —

  • गन्ना
  • नारियल
  • ठेकुआ
  • सिंघाड़ा
  • डाभ नींबू
  • केला
  • आम की लकड़ी
  • सूप और दौरा (बांस से बनी सामग्री)

Chhath Puja Mein Soop Ka Mahatva: सूप को सूर्य पूजा का मुख्य हिस्सा माना गया है। इसमें फल और प्रसाद रखकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। यह भक्ति और परंपरा का प्रतीक है।


छठ पूजा में किस देवता की होती है पूजा (Which Deity is Worshipped in Chhath Puja)

छठ पूजा सूर्यदेव (भगवान भास्कर) और उनकी बहन छठी मैया (ऊषा देवी) की उपासना का पर्व है। सूर्य जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं, जबकि छठी मैया संतान, समृद्धि और कल्याण की देवी मानी जाती हैं।

छठ पूजा में पुरोहित की जरूरत क्यों नहीं होती (Why Purohit is Not Needed in Chhath Puja)

छठ पूजा की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें किसी पंडित या पुरोहित की आवश्यकता नहीं होती। यह पर्व पूरी तरह आस्था और पवित्रता पर आधारित है। व्रती स्वयं ही पूजा करते हैं — नहाय-खाय से लेकर अर्घ्य और पारण तक हर चरण श्रद्धा से सम्पन्न होता है।

छठ पूजा में क्या करें और क्या न करें (Dos and Don’ts of Chhath Puja)

✅ क्या करें —

  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • प्रसाद में केवल सेंधा नमक का उपयोग करें।
  • प्रसाद तैयार करते समय मन और शरीर की पवित्रता बनाए रखें।

क्या न करें —

  • लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
  • प्रसाद को गंदे हाथों से न छुएं।
  • पूजा सामग्री को जूठा न करें।

Chhath Puja 2025 Vrat Katha (छठ पूजा व्रत कथा)

कहा जाता है कि छठ व्रत सबसे पहले पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने रखा था। इस व्रत से उन्हें संतान सुख और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हुई थी। तभी से यह पर्व महिलाओं द्वारा परिवार की मंगलकामना हेतु किया जाता है।

छठ पूजा की आरती (Chhath Puja Aarti)

ऊँ नम: सूर्याय आदित्याय नमो नमः,
नमः सहस्र किरणाय भास्कराय नमो नमः।
जय जय छठी मईया, सुन लीजे अरज हमारी।

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