स्मार्ट प्रीपेड मीटर के संबंध में भ्रांतियों से दूर रहें उपभोक्ता, निरीक्षण के बाद लगाया जा रहा मीटर: बिजेंद्र प्रसाद यादव

Edited By Ramkesh, Updated: 29 Nov, 2024 08:19 PM

consumers should stay away from misconceptions regarding smart

बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को सटीक और पारदर्शी सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का व्यापक स्तर पर अधिष्ठापन किया जा रहा है।  ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि अब तक राज्य में लगभग 56.03 लाख स्मार्ट प्रीपेड...

पटना: बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को सटीक और पारदर्शी सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का व्यापक स्तर पर अधिष्ठापन किया जा रहा है।  ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि अब तक राज्य में लगभग 56.03 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर सफलतापूर्वक अधिष्ठापित किए जा चुके हैं, जिनमें से 18 लाख मीटर शहरी क्षेत्रों में और 38.03 लाख मीटर ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए हैं। यह प्रक्रिया शहरी क्षेत्रों से शुरू की गई थी और इसके सतत निरीक्षण और कुशलतापूर्वक संपादन के बाद इसे ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तारित किया गया।

 स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कोई गड़बड़ी नहीं
मंत्री ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अधिष्ठापन की प्रक्रिया निविदा के माध्यम से पूरी पारदर्शिता के साथ की गई है। इसकी न्यायिक समीक्षा उच्च न्यायालय, पटना और सर्वोच्च न्यायालय में भी की गई है, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। मीटरों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के मापदंडों IS15959, IS16444, IS13779 के नवीनतम संशोधन के अनुरूप निर्मित स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही अधिष्ठापित किए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर के निर्माणोपरांत मीटर उत्पादक द्वारा प्रत्येक मीटर का रूटीन टेस्ट किया जाता है जिसके अंतर्गत स्मार्ट मीटर की सटीकता की जांच की जाती है। इसके अलावा इन मीटरों की जांच आपूर्ति से पहले और बाद में बीआईएस द्वारा निर्धारित सैंपलिंग और टेस्टिंग प्रक्रिया के तहत की जाती है। इसके फलस्वरूप उपभोक्ता एवं आमजनों के बीच काफी हद तक भ्रांतियां दूर हो गई हैं एवं इसके अधिष्ठान कार्य में गति आई है।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर फैली भ्रांतियों से दूर रहे उपभोक्ता
ऊर्जा विभाग के सचिव एवं बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सीएमडी पंकज कुमार पाल ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ-साथ पुराने मीटरों को भी कुछ समय के लिए लगाकर उनकी तुलनात्मक कार्यप्रणाली दिखाने की व्यवस्था की गई। इसके अतिरिक्त, बिजली कंपनियों के विभिन्न कार्यालयों में उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर की उपयोगिता समझाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए डिजिटल माध्यम, पंपलेट, नुक्कड़ नाटक आदि के जरिये जानकारी दी जा रही है।

प्रीपेड मीटर पर उपभोक्ताओं को मासिक बिलिंग में 3 प्रतिशत की छूट
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अधिष्ठापन से उपभोक्ताओं को कई प्रकार के लाभ मिल रहे हैं। सबसे पहले, उपभोक्ताओं से मीटर लगाने के समय कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली जाती है। इसके अलावा, स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को मासिक बिलिंग में 3 प्रतिशत की छूट दी जाती है। मीटर रीडिंग में गड़बड़ी की संभावना न के बराबर होने से बिजली बिल की त्रुटियां लगभग समाप्त हो गई हैं। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं के लिए बकाया बिल और पहली बार के भुगतान को आसान किस्तों में बांट दिया गया है, जिससे उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े।

दैनिक खपत और बिलिंग की जानकारी रियल टाइम पर मिलती है
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के माध्यम से उपभोक्ता को वास्तविक समय (रियल टाइम) पर उनके दैनिक खपत और बिलिंग की जानकारी मिलती है, जिससे वे अपने खपत पर नियंत्रण रख सकते हैं। उपभोक्ताओं के लिए बिल के अग्रिम भुगतान के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे मोबाइल ऐप, काउंटर, और बिजली कंपनी की वेबसाइट। इसके अलावा, 2000 रुपये या उससे अधिक की अग्रिम राशि जमा रखने पर उपभोक्ताओं को उनके बचत खाता ब्याज दर से लगभग दुगुनी ब्याज की सुविधा दी जाती है।

लोड बढ़ने पर उपभोक्ताओं से किसी प्रकार की दंड राशि नहीं ली जाती
ऊर्जा सचिव पाल ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने के शुरुआती छह महीनों के दौरान, लोड बढ़ने पर उपभोक्ताओं से किसी प्रकार की दंड राशि नहीं ली जाती। इसके अलावा, छतों पर सोलर पावर प्लांट लगाने वाले उपभोक्ताओं को अलग से नेट मीटर लगाने की जरूरत नहीं होती, जिससे उन्हें कार्यालय के चक्कर लगाने से भी राहत मिलती है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अधिष्ठापन से उपभोक्ता ऊर्जा खपत में सुधार कर रहे हैं, जिससे ऊर्जा का दुरुपयोग कम हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिल रही है। साथ ही, कागज के बिल की आवश्यकता समाप्त होने से वृक्षों की कटाई में भी कमी आई है।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिए एक लाभकारी और पारदर्शी समाधान है। इससे बिजली आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ उपभोक्ताओं का भरोसा भी बढ़ा है। सरकार इस तकनीक के माध्यम से बिजली क्षेत्र में डिजिटल और हरित ऊर्जा क्रांति की ओर अग्रसर है| 

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