Edited By Ramanjot, Updated: 14 Dec, 2025 06:03 AM

जिले के लेंगुरा गांव से प्रशासनिक भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक पंचायत सचिव पर गरीब परिवार से मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के बदले 10,000 रुपये की मांग करने का आरोप लगा है।
नवादा: जिले के लेंगुरा गांव से प्रशासनिक भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक पंचायत सचिव पर गरीब परिवार से मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के बदले 10,000 रुपये की मांग करने का आरोप लगा है। पीड़ित ने अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी को लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है और मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
तीन महीने पहले आवेदन, अब तक नहीं मिला मृत्यु प्रमाणपत्र
शिकायतकर्ता मो. शमशेर आलम ने बताया कि उनके पिता कलीमउद्दीन का निधन 09 मार्च 2025 को उनके निजी आवास पर हुआ था। इसके बाद उन्होंने नियमों के अनुसार मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया।
आवेदन के साथ मुखिया, वार्ड सदस्य, चौकीदार और आंगनबाड़ी सेविका सहित चार गवाहों के हस्ताक्षर और मुहर लगाकर अनुमंडल कार्यालय में एफिडेविट भी जमा किया गया, लेकिन तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया।
रिश्वत नहीं देने पर टालमटोल का आरोप
मो. शमशेर आलम का आरोप है कि लेंगुरा पंचायत के सचिव दीपू कुमार गुप्ता जानबूझकर मृत्यु प्रमाणपत्र रोक रहे हैं। सचिव का कहना है कि मृतक की मौत लेंगुरा गांव में नहीं हुई, जबकि शिकायतकर्ता के अनुसार यह दावा पूरी तरह गलत है और इसकी जांच आसानी से की जा सकती है।
पीड़ित का कहना है कि प्रमाणपत्र नहीं देने की वास्तविक वजह रिश्वत की मांग है। पैसा देने से इनकार करने पर उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है।
संपर्क से बचते रहे पंचायत सचिव
मामले में पंचायत सचिव का पक्ष जानने के लिए मीडिया की ओर से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन फोन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला।
प्रशासन ने जांच का दिया भरोसा
इस संबंध में रजौली एसडीएम स्वतंत्र कुमार सुमन ने बताया कि पीड़ित द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।