Diwali Lakshmi Puja 2025: कब है दिवाली? जानिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और खास तिथियां

Edited By Ramanjot, Updated: 18 Oct, 2025 06:56 PM

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भारत में दिवाली को प्रकाश का पर्व (Festival of Lights) कहा जाता है। यह सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि समृद्धि और शुभता का प्रतीक भी है।

Diwali Lakshmi Puja 2025: भारत में दिवाली को प्रकाश का पर्व (Festival of Lights) कहा जाता है। यह सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि समृद्धि और शुभता का प्रतीक भी है। Diwali 2025 की तैयारियां देशभर में जोरों पर हैं। बाजारों में भीड़ है, घरों में सफाई और सजावट चल रही है। ऐसे में अगर आप भी लक्ष्मी पूजन (Diwali Lakshmi Puja 2025) का सही समय और पूजा सामग्री जानना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके काम की है।

कब है दिवाली 2025? (Diwali 2025 Date and Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। इस दिन कार्तिक माह की अमावस्या तिथि रहेगी, जो 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर को सुबह 5:54 बजे समाप्त होगी।

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त (Laxmi Puja Shubh Muhurat):

  • शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
  • प्रदोष काल: शाम 5:46 से रात 8:18 तक
  • वृषभ काल: रात 7:08 से रात 9:03 तक

इस समय मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

गोवर्धन पूजा 2025: जानें पूजा की सही तारीख और समय (Govardhan Puja 2025 Date)

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2025) मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार) को मनाया जाएगा।

  • प्रतिपदा तिथि की शुरुआत: 21 अक्टूबर, शाम 5:54 बजे
  • समापन: 22 अक्टूबर, रात 8:16 बजे
  • सुबह पूजा मुहूर्त: 6:26 AM से 8:42 AM तक
  • सायं कालीन पूजा मुहूर्त: 3:29 PM से 5:44 PM तक

भाई दूज 2025: इस दिन करें भाई की आरती और तिलक शुभ मुहूर्त में (Bhai Dooj Puja Time 2025)

भाई दूज (Bhai Dooj 2025) का पर्व 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा। यह दिन भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है।

  • द्वितीया तिथि की शुरुआत: 22 अक्टूबर रात 8:16 बजे
  • समापन: 23 अक्टूबर रात 10:46 बजे
  • अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक

दीपावली पूजा के लिए जरूरी सामग्री (Diwali Puja Samagri List 2025)

  • मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा
  • चावल, हल्दी, कपूर, घी, दीया
  • पुष्प और मिष्ठान
  • नए सिक्के या नोट
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, और जल)

पूजा के समय घर के उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाना और नए बहीखाते की शुरुआत करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

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