Edited By Ramanjot, Updated: 04 Dec, 2025 05:58 PM

वैशाली जिले में हाजीपुर रेलवे स्टेशन से 3 अक्टूबर की रात गायब हुए बच्चे की बरामदगी के बाद पुलिस ने एक संगठित बच्चे की खरीद-बिक्री गिरोह का पर्दाफाश किया है।
हाजीपुर: वैशाली जिले में हाजीपुर रेलवे स्टेशन से 3 अक्टूबर की रात गायब हुए बच्चे की बरामदगी के बाद पुलिस ने एक संगठित बच्चे की खरीद-बिक्री गिरोह का पर्दाफाश किया है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी डॉक्टर फरार बताया जा रहा है।
3 अक्टूबर की रात प्लेटफॉर्म नंबर 01 के पास लिफ्ट के पास सो रहे घुमंतु परिवार के बच्चे मो. फहिम उर्फ राजाबाबू के गायब होने के बाद हाजीपुर रेल थाना में मामला दर्ज किया गया था।
CCTV फुटेज ने खोला राज, पुरुष और महिला की पहचान से मिले बड़े सुराग
मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस ने एक SIT टीम का गठन किया।CCTV फुटेज में एक पुरुष और एक महिला को बच्चे को ले जाते हुए पाया गया।
इसके बाद पुलिस की DIU टीम ने वीडियो के समय और लोकेशन के आधार पर Dump Data Analysis किया, जिसमें संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान हुई। CDR, SDR और OSINT तकनीक की मदद से संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई।

350,000 रुपये में बच्चे की खरीद-फरोख्त का सौदा—पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा
तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस ने पहले अर्जुन कुमार और फिर संदिग्ध महिला किरण देवी को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर सोनू कुमार सिंह की गिरफ्तारी हुई, जिसने पूरे रैकेट का खुलासा कर दिया।
सोनू ने पूछताछ में बताया कि बच्चे का सौदा ₹3,50,000 (साढ़े तीन लाख रुपये) में किया गया था।
इसी सौदे के तहत अर्जुन को ₹1,20,000 दिए गए थे। खुद सोनू को ₹1,30,000 का हिस्सा मिला था। सौदा करने में डॉ. अविनाश कुमार और उनकी सहयोगी मुन्नी कुमारी की भूमिका सामने आई है। इसी डॉक्टर के माध्यम से बच्चे को खरीदने वाले दंपति से संपर्क कराया गया था।
बच्चा समस्तीपुर से सुरक्षित बरामद, खरीदार दंपति गिरफ्तार
बच्चे को समस्तीपुर जिले में अनिल कुमार साह और उनकी पत्नी गुड़िया देवी के घर से बरामद किया गया।
पुलिस ने गिरफ्तार किये:
- अनिल कुमार साह
- गुड़िया देवी
- मुन्नी कुमारी
- अर्जुन कुमार
- सोनू कुमार सिंह
- किरण देवी
बरामदगी में शामिल:
- अपहृत बच्चा
- 2 संदिग्ध मोबाइल
- संदिग्ध कपड़े
फरार आरोपी:
डॉ. अविनाश कुमार, जिसने कथित रूप से पूरे सौदे में मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
ऑपरेशन में शामिल रही स्पेशल टीम
इस मामले के खुलासे में हाजीपुर रेल थाना, DIU टीम और अपराध शाखा सोनपुर की संयुक्त कार्रवाई रही। टीम में धर्मेंद्र कुमार, प्रगति राठौर, चंदन कुमार सिंह सहित कुल 13 पुलिसकर्मी शामिल थे।