Edited By Nitika, Updated: 27 Sep, 2020 01:40 PM
हार के 243 विधानसभा सीटों में से एक चिरैया विधानसभा सीट (Chiraia Assembly Seat) है। पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र शिवहर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
पूर्वी चंपारणः बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक चिरैया विधानसभा सीट (Chiraia Assembly Seat) है। पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र शिवहर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
बता दें कि यह सीट साल 2008 में हुए परिसीमण के बाद अस्तित्व में आई। इस सीट पर पहली बार साल 2010 में विधानसभा (Vidhan Sabha) के चुनाव हुए और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अवनीश कुमार सिंह को जीत मिली। साल 2015 में भी इस सीट पर बीजेपी (BJP) का ही कब्जा रहा और लालबाबू प्रसाद गुप्ता विधायक (MLA) चुने गए।
विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अब अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लालबाबू प्रसाद गुप्ता ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को 4 हजार 374 वोटों से हराया और विधायक (MLA) चुने गए। लालबाबू प्रसाद गुप्ता को कुल 62 हजार 831 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को कुल 58 हजार 457 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे समाजवादी पार्टी के अवनीश कुमार सिंह को कुल 12 हजार 172 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
वहीं 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अवनीश कुमार सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को 14 हजार 828 वोटों से हराया और विधायक (MLA) चुने गए। अवनीश कुमार सिंह को कुल 39 हजार 459 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को कुल 24 हजार 631 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के मनोज कुमार सिंह को कुल 20 हजार 287 वोट मिले थे।
इस सीट पर अभी तक दो बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं और दोनों परिणामों पर नजर डालें तो दोनों बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) का ही कब्जा रहा है। पिछली बार बीजेपी-जेडीयू (BJP-JDU)अलग-अलग चुनाव लड़ी थी तब भी इस सीट पर बीजेपी (BJP) को ही जीत मिली थी। इस बार बीजेपी (BJP) के साथ जेडीयू भी गठबंधन में है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस सीट पर NDA का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है, हालांकि इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि कोरोना और बाढ़ की वजह से जहां एक ओर लोगों का गुस्सा सरकार के प्रति देखने को मिल रहा है तो वहीं विपक्ष भी इस मुद्दे को सही से उठा रही है। ऐसे में इस बार के चुनाव (Chunav) में किस पार्टी को जीत मिलती है यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।