Paush Putrada Ekadashi 2025 : संतान सुख और सुख-समृद्धि का विशेष व्रत, जानें सही तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Edited By Ramanjot, Updated: 22 Dec, 2025 06:45 PM

paush putrada ekadashi 2025

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की आराधना का सबसे श्रेष्ठ माध्यम माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधिपूर्वक एकादशी व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है।

Paush Putrada Ekadashi 2025 : सनातन धर्म में एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की आराधना का सबसे श्रेष्ठ माध्यम माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधिपूर्वक एकादशी व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। साल 2025 की अंतिम एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इसे संतान सुख और परिवार की खुशहाली से जोड़कर देखा जाता है।

30 या 31 दिसंबर? जानें पौष पुत्रदा एकादशी की सही तिथि | Ekadashi Paran Time | Vrat Paran Muhurat

वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर 2025 को सुबह 07:50 बजे प्रारंभ होगी और 31 दिसंबर 2025 को सुबह 05:00 बजे समाप्त होगी।

ऐसे में एकादशी व्रत को लेकर दो परंपराएं देखने को मिलती हैं—

  • स्मार्त परंपरा के अनुसार व्रत 30 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा।
  • वैष्णव परंपरा मानने वाले श्रद्धालु 31 दिसंबर 2025 को व्रत करेंगे।

पौष पुत्रदा एकादशी 2025 व्रत पारण का शुभ समय

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है।

30 दिसंबर को व्रत रखने वालों के लिए पारण समय:

31 दिसंबर 2025 को दोपहर 01:26 से 03:31 बजे तक

31 दिसंबर को व्रत रखने वालों के लिए पारण समय:

01 जनवरी 2026 को सुबह 07:14 से 09:18 बजे तक

पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि (Paush Putrada Ekadashi Puja Vidhi)

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन साधक को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।पूजा में भगवान विष्णु को हल्दी, चंदन और केसर का तिलक, पीले फूल, फल, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

एकादशी व्रत में श्रीहरि की कथा का पाठ और श्रवण विशेष फलदायी माना गया है। पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें। इस दिन अन्न का सेवन वर्जित होता है, इसलिए केवल फलाहार करें।

सूर्य, चंद्र और शुभ मुहूर्त का समय

  • सूर्योदय: सुबह 07:13 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 05:34 बजे
  • चंद्रोदय: दोपहर 01:33 बजे
  • चंद्रास्त: रात 03:43 बजे

शुभ मुहूर्त:

  • ब्रह्म मुहूर्त: 05:24 से 06:19
  • अभिजित मुहूर्त: 12:03 से 12:44
  • विजय मुहूर्त: 02:07 से 02:49
  • गोधूलि मुहूर्त: 05:31 से 05:59

एकादशी पर दान का विशेष महत्व

सनातन परंपरा में एकादशी के दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन
पीले फल, अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और जीवन में खुशहाली आती है। धार्मिक मान्यता है कि पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख और पारिवारिक शांति प्रदान करता है।

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