Edited By Swati Sharma, Updated: 01 Jul, 2024 01:46 PM
![a pillar of the bridge built on the bund river in kishanganj collapsed](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_7image_13_35_565878200untitled-16-ll.jpg)
बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 15 दिनों के अंदर राज्य में कई पुल ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, किशनगंज जिले में सोमवार को एक और पुल का पाया धंसा गया है। दरअसल, जिले के पथरिया पंचायत के खोसीडांगी गांव के समीप बूंद नदी...
किशनगंज: बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 15 दिनों के अंदर राज्य में कई पुल ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, किशनगंज जिले में सोमवार को एक और पुल का पाया धंसा गया है। दरअसल, जिले के पथरिया पंचायत के खोसीडांगी गांव के समीप बूंद नदी पर बना पुल का एक पाया धंस गया है, जिससे आवागमन बाधित हो गया
पुल का पिलर डेढ़ फीट तक धंसा
किशनगंज के प्रभारी सहायक अभियंता सह कनीय अभियंता आलोक भूषण ने सोमवार को यहां बताया कि वर्ष 2010-11 में लगभग 50 लाख रुपए की लागत से तीस मीटर लंबा और दस मीटर चौड़े पुल का निर्माण विशेष कार्य प्रमंडल किशनगंज (अब ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल टू) द्वारा हुआ था। राष्ट्रीय राजमार्ग उच्च्पथ संख्या 327 ई पिपरीथान से बंगाल सीमा तक दूसरे राजमार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर पथरिया पंचायत के खोसीडांगी गांव के समीप बूंद नदी पर 30 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा पुल के पश्चिमी हिस्से का एक स्पेन करीब दो फुट तक धंस गया। इसके साथ-साथ पुल के पूर्वी के एक पंखी भी टूटकर नदी में धराशायी हो गया।
40 हजार की आबादी हुई प्रभावित
भूषण ने बताया कि पुल के धंसने से प्रखंड के तीन पंचायत पथरिया, कुकुरबाघी एवं बेसरबाटी की करीब 40 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। इसकी सूचना मिलते ही (आरडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के साथ अंचल अधिकारी सुचिता कुमारी ने पुल का निरीक्षण करते हुए लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए बेरीकेडिंग की व्यवस्था में लगी हुई है।